ना जाने कौनसी दवा है उसके पास,
कुछ पल साथ गुजार लूं तो सुकून सा मिलता है।।
Category: शायरी
खता ये हुई
खता ये हुई तुम्हे खुद सा समझ बैठे,
जबकि तुम तो तुम ही थे।।
हम भी फूलों कि तरह
हम भी फूलों कि तरह अपनी आदत से मजबूर है
तोड़ने वाले को भी खूशबू की सजा देते है…!!
बस थोड़ी दूर है
बस थोड़ी दूर है घर उनका,
कभी होता ना दीदार उनका ।
मेरी यादों में है बसर उनका,
इतफ़ाक या है असर उनका ।
सहर हुई है या है नूर उनका,
गहरी नींद या है सुरुर उनका ।
पूछे क्या नाम है हुज़ूर उनका,
हम पे यूँ सवार है गुरुर उनका ।
हर गिला-शिकवा मंजूर उनका ।
लगाकर आग दिल में
लगाकर आग दिल में अब तुम चले हो कहाँ….
अभी तो राख उड़ने दो तमाशा और भी होगा |
ख़ामोशी छुपाती है
ख़ामोशी छुपाती है ऐब और हुनर दोनों ,
शख्सियत का अंदाज़ा गुफ्तगू से
होता है ..!!
तेरा वजूद है
तेरा वजूद है कायम मेरे दिल में उस इक बूँद की तरह,
.
जो गिर कर सीप में
इक दिन मोती बन गयी…..
तेरा वजूद है
तेरा वजूद है कायम मेरे दिल में उस इक बूँद की तरह,
.
जो गिर कर सीप में
इक दिन मोती बन गयी….
बात बे बात पर
बात बे बात पर तेरी बात का होना,
अब इसे ईश्क ना समझूं तो क्या समझूं?
ताउम्र उल्फ़तें
ताउम्र उल्फ़तें और वो छोटी सी आशिक़ी…
मरने का तरीक़ा है ये ज़िंदा रहने की हसरतें…