सुना है सभी कर्मो का फल इस जनम में ही मिलता है….
तो फिर तेरी महोब्बत के लिए अगले जनम का इंतजार क्यों |
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
सुना है सभी कर्मो का फल इस जनम में ही मिलता है….
तो फिर तेरी महोब्बत के लिए अगले जनम का इंतजार क्यों |
ग़लत कहता हैं हर कोई कि संगत का असर होता हैं
वो बरसों मेरे साथ रही मगर फिर भी बेवफा निकली |
बढ रहे है चाहने वाले मेरे अल्फाज़ों के….,
लगता है उस तक बात जरुर पहुँचेगी।
दर्द अब इतना की संभलता नही है
तेरा दिल मेरे दिल से मिलता नही है
अब और किस तरह पुकारूँ मैं तुम्हे
तेरा दिल तो मेरे दिल की सुनता भी नही है |
तेरी मुहब्बत में जो मैं फना हो गया…
यही मुझसे सबसे बड़ा गुनाह हो गया !!
तेरे एक-एक लफ्ज़ को हज़ार मतलब पहनाये हमने…
चैन से सोने ना दिया तेरी अधूरी बातों ने…
हम तो फूलों की तरह अपनी आदत से बेबस हैं ,
तोड़ने वाले को भी खुशबू की सजा देते है …
बदल गया वक़्त बदल गयी बातें, बदल गयी मोहब्बत;
कुछ नहीं बदला तो वो है इन आँखों की नमी और तेरी कमी।
कितना प्यार है तुमसे वो लफ्ज़ो के सहारे कैसे बताऊ,
महसूस कर मेरे एहसास, गवाही कहाँ से लाऊ..
मोहब्बत करने चला है,
तो कुछ अदब भी सीख लेना ऐ दोस्त…
इसमें हंसते साथ हैं,
पर रोना अकेले ही पड़ता है….