चलो मान लिया

चलो मान लिया हमने के हमे मोहब्बत करनी नहीं आती….
तुम बताओ “ऐ जान”
तुम्हे दिल तोड़ना किसने सिखाया….

जब से छूटा है

जब से छूटा है गांव वो मिट्टी की खुशबू नहीं
मिलती, इस भीड़ भरे शहर में अपनों की सी
सूरत नहीं मिलती।