झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते है
बाज़ की उड़ान में कभी आवाज़ नहीं होती..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
झूठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते है
बाज़ की उड़ान में कभी आवाज़ नहीं होती..!!
शौक से तोड़ो दिल मेरा मैं क्यों परवाह करूँ….
आप ही रहते हो इसमें अपना ही घर उजाड़ोगे…
हर रोज के मिलने से तक़ल्लुफ़ कैसा ??
चाँद सौ बार भी निकले तो नया लगता है!!
शायद लोगों की नजरो मे हमारी कोई कीमत ना हो,
लेकिन कोई तो होगा जो, हमारा हाथ पकड़ कर खुद पर नाज़ करेगा..
कौन कहता है पैसा सब कुछ खरीद सकता है,
दम है तो टूटे हुए विश्वास को पाकर दिखाए…!!
तुम तो कहते थे अब हर शाम तुम्हारे साथ गुज़रेगी,
क्या हुआ तुम बदल गए या तुम्हारे शहर में अब शाम नहीं होती?
मुस्कुराते रहोगे तो दुनिया आपके क़दमों में होगी;
वरना आंसुओं को तो तो आँखें भी जगह नहीं देती।
लोग कहते हैं कि वक़्त किसी का ग़ुलाम नहीं होता,
फिर तेरी मुस्कराहट पे वक़्त क्यूँ थम सा जाता है.!!!
भूल जाना मुझे पर ये याद रखना,
रूह भी तेरी रोयेगी जब भी मेरा नाम आयेगा!
हर रोज के मिलने से तक़ल्लुफ़ कैसा ??
चाँद सौ बार भी निकले तो नया लगता है !!