क्यों कोई मेरा इंतज़ार करेगा,
अपनी ज़िंदगी मेरे लिए बेकार करेगा,
हम कौन सा किसी के लिए ख़ास है,
क्या सोच कर कोई हमें याद करेगा !!
Category: शायरी
मौत का आलम
मौत का आलम देख कर तो ज़मीन भी
दो गज़ जगह दे देती है…
फिर यह इंसान क्या चीज़ है
जो ज़िन्दा रहने पर भी
दिल में जगह नहीं देता…
खुद ही दे जाओगे
खुद ही दे जाओगे तो बेहतर है..! वरना हम दिल चुरा भी लेते हैं..!
कुछ पन्ने होते है
जिंदगी की किताब के कुछ पन्ने होते है,
कुछ अपने, कुछ बेगाने होते है,
प्यार से सँवर जाती है ज़िंदगी,
बस प्यार से रिश्ते निभाने होते है
गम जरुर दे जाते हैं
बड़े अजीब हैं ये जिन्दगी के रास्ते,
अनजाने मोड़ पर कुछ लोग
दोस्त बन जाते हैं.
मिलने की खुशी दें या न दें,
बिछड़ने का गम जरुर दे जाते हैं…!!
फिर उसकी याद आई है
फिर उसकी याद आई है
साँसों ज़रा आहिस्ता चलो
धड़कनों से भी इबादत
में खलल पड़ता है |
तोहफ़े लेने-देने का रिवाज
किसने चलाया ये तोहफ़े लेने-देने का रिवाज..गरीब आदमी मिलने-जुलने से भी डरता है..!
एहसान ये रहा मुझ पर
एहसान ये रहा मुझ पर तोह़मत लगाने वालों का
उठती उँगलियों ने मुझे मशहूर कर दिया!!
क्यों बताये किसी को
क्यों बताये किसी को हाले दिल अपना,
जो तूने बनाया वही हाल है अपना ।।
यूँ भूल जाना मुझको
उफ्फ तेरा अक्सर यूँ भूल जाना मुझको
अगर दिल ना दिया होता तो तेरी जान ले लेते…!!