तेरी मज़बूरी भी होंगी,
चलो मान लेते है..
पर तेरा वादा भी था मुझे याद रखने का..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तेरी मज़बूरी भी होंगी,
चलो मान लेते है..
पर तेरा वादा भी था मुझे याद रखने का..
मुस्कुरा जाता हूँ अक्सर गुस्से में भी तेरा नाम सुन कर,
तेरे नाम से इतनी मोहब्बत है तो सोच तुझसे कितनी होगी..
दिल टूटने पे वही शख्स सबसे ज्यादा रोता है,
जिसकी मोहबत अक्सर सच्ची होती है|
उदास दिल है मगर मिलता हूँ हर एक से हंस कर,
यही एक फन सीखा है बहुत कुछ खो देने के बाद|
क्यों घबराता है पगले दुःख होने से ,
जीवन तो शुरू ही हुआ है रोने से|
आँखों से शुरु होकर आँखों मे मर गई,
मेरे ख्वाबों की उम्र बस इतनी सी रही|
सिर्फ मोहब्बत ही ऐसा खेल है..
जो सीख जाता है
वही हार जाता है।
मैं चीज़ महंगी और महान बेचता हूँ
‘जनाब’…
लोग ईमान बेचते हैं और मैं मुस्कान बेचता हूं..।
जिंदगी में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता,
बचपन खोया तब जाकर जवानी मिली…!!!
किसी ने मुझसे पूछा
कि
तुम्हारा अपना कौन है…
मैने हँसते हुए कहा..
जो किसी और के लिए मुझे नज़र अंदाज़ ना करे