कोई नही आएगा मेरी जिदंगी मे
तुम्हारे सिवा,
एक मौत ही है जिसका मैं
वादा नही करता……
Category: शायरी
सस्ता सा कोई
सस्ता सा कोई इलाज़ बता दो इस मोह्ब्बत का ..!
एक गरीब इश्क़ कर बैठा है इस महंगाई के दौर मैं
इश्क़ सिर्फ़ मुझे हुआ था
इश्क़ सिर्फ़ मुझे हुआ था,
उसे तो कुछ पल का नशा हुआ था|
लोग कहते हैं
लोग कहते हैं…
नफ़रत ख़राब चीज़ है..!
तो मोहब्बत ने कौनसा झूला झुलाया है मुझे..!!
तेरी चाहत में
तेरी चाहत में रुसवा यूं सरे बाज़ार हो गये,
हमने ही दिल खोया…और हम ही गुनाहगार हो गये।
खुदकुशी कर रही है
किश्तों में खुदकुशी कर रही है ये जिन्दगी…
इंतज़ार तेरा…मुझे पूरा मरने भी नहीं देता ।
क्या पूछता है
क्या पूछता है हम से तू ऐ शोख़ सितमगर,
जो तू ने किए हम पे सितम कह नहीं सकते…
सब जानते हैं
सब जानते हैं मैं नशा नहीं करता
मैं भी पी लेता अगर तु शराब होती..!!
तेरे खुश होने के अंदाज
तेरे खुश होने के अंदाज से लगता है…कुछ टुटा है बड़ी खामोशी से तेरे अन्दर|
लहज़े में बदजुबानी
लहज़े में बदजुबानी ,चेहरे पे नकाब लिए फिरते है
जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े है ,वो मेरा हिसाब लिए फिरते है ।