मैं पूछता रहा

मैं पूछता रहा

और फ़िर..
इस तरह

मिली वो मुझे सालों के बाद ।
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख़यालों के बाद ।।
मैं पूछता रहा उस

से ख़तायें अपनी ।
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद ।।

इश्क़ वो है

इश्क़ वो है,
जब मैं शाम होने पर मिलने का वादा करूँ,
और वो दिन भर सूरज के होने का अफ़सोस करे…..