मफलर उलझ गया

देखो तो इक पहाड़ से

कंकड़ उलझ गया
जोशो जुनून से ये दिलावर उलझ गया
हिम्मत को

उसकी आप भी अब दाद दीजिए
लाखों के सूट बूट से मफलर

उलझ गया

छोड़ दिया उसका

छोड़ दिया उसका

इंतजार करना हमेशा के लिए..

ऐ दोस्तों जिसे निगाह की क़दर

नहीं..

उसे मूड मूड कर क्या देखना

मिला तो नही था

जिस दिन मेरी मौत की

खबर मिलेगी तब लोग यही कहेंगे”
.
बन्दा कभी मिला तो नही था

लेकिन पोस्ट
अच्छी डालता था।।