Jaha Diwaro me Darar Par Jaati Waha Diwar Gir Jati Hai.
Aur Jaha Rishto Me Darar Par Jaati He
Waha Diwar Khari Ho Jati Hai.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
Jaha Diwaro me Darar Par Jaati Waha Diwar Gir Jati Hai.
Aur Jaha Rishto Me Darar Par Jaati He
Waha Diwar Khari Ho Jati Hai.
हँसकर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर थी मेरी
पर कोई हुनर काम नहीं आता जब तेरा नाम आता
काश न्युटन के सर मे पेड के सेब की जगह किसी का टूटा हूआ दिल गिरा होता…… तो आज Physics की हर किताबो मे एक chapter इश्क का होता………..
खाकसार’ नजात मिल न सकी शामे दर्द से
इतना हुआ कि रस्मे दुआ आ गयी मुझे
तू तो नफ़रत भी न कर पाएगा उस शिद्दत के साथ,
जिस बला का प्यार तुझसे बे-ख़बर मैंने किया |
बुरे दिनों में कर नहीं कभी किसी से आस
परछाई भी साथ दे, जब तक रहे प्रकाश
अल्फाज़ों में क्या बयाँ करे अपनी मोहब्बत के
अफसानें
हमारे दिल में तो वो ही वो है, उनके दिल
की खुदा जाने..”
ये बारिश भी कितनी ज़ालिम हे जो यूँ ही आकर चली जाती है…
..
याद दिलाती है मेरे मेहबूब की..
और भिगोकर मुझे चली जाती है……
Meri bhi nigaho ka sunle abb sawal
Poochte hai kab aayega
Jhonka phir tere deedar ka
Tune ek aise shaksh ko chaha hai RAJ jise bhoolna
teri kismaat mai nahi or pana teri kismat mai nahi……..