ऐसे कोई जाता है क्या….
थोड़े-से तुम मेरे पास रह गए…
थोड़ी सी मैं तुम्हारे संग आ गई..
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
ऐसे कोई जाता है क्या….
थोड़े-से तुम मेरे पास रह गए…
थोड़ी सी मैं तुम्हारे संग आ गई..
मन्नत के धागे की तरह बाँधा है तुझे,
रब करे ये गाँठे ता-उम्र ना खुल पाये !
ज़िन्दगी क्या है जानने के लिए
ज़िंदा रहना बहुत ज़रूरी है
न जाने किस हुनर को शायरी कहते हो तुम,
हम तो वो लिखते हैं जो तुम्हें कह नहीं पाते।
ज़रा ज़रा सी बात पर,
तकरार करने लगे हो…
लगता है मुझसे बेइंतिहा,
प्यार करने लगे हो…
समझनी है जिंदगी
तो पीछे देखो,
जीनी है जिंदगी को
तो आगे देखो …..!!
तुम फिर आ गये मेरी शायरी में…क्या करूँ…
न मुझसे शायरी दूर जाती है न मेरी शायरी से तुम..
दो दीवारें एक जगह पर मिलती थी
कहने को वो कोना,
ख़ाली कोना था…
हारने वाले के आगे हाथ जोड़कर दिल जीतता हुँ
महोब्बत के अखाड़े का सुल्तान मैं भी हूँ ।
मैं कीमती बहुत हूँ, तुम मुझे खो कर तो देखो|