Yaadon ki kimat wo kya jaane,
Jo khud hi yaadon ko mita baithe hain,
Yaadon ki kimat to unse puchoo jo yaadon ke sahare,
Jindagi bita diya karte hain.
Category: वक़्त शायरी
सहा ना जाये
सहा ना जाये के उसका लहजा सख्त ऐसा था,
ये और बात थी, वो लब नाजुक फूलों जैसा था.
मंजिल भी मिलेगी
मुश्किलें केवल बहतरीन लोगों
के हिस्से में ही आती हैं…!!
क्यूंकि वो लोग ही उसे बेहतरीन
तरीके से अंजाम देने की ताकत
रखते हैं..!!
“रख हौंसला वो मंज़र भी आयेगा;
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा..!
थक कर ना बैठ ए मंजिल के
मुसाफ़िर;
मंजिल भी मिलेगी और
जीने का मजा भी आयेगा…!!”
चोट लगती है
निगाहों से भी चोट लगती है…
जनाब….
जब कोई देख कर भी अन्देखा कर देता है…!!
मेरी जिंदगी में
वो फिर से लौट आये थे मेरी जिंदगी में’
अपने मतलब के लिये और हम सोचते रहे की हमारी दुआ में दम था.. .
जिंदगी के पन्नों को
बारिश में रख दो इस जिंदगी के पन्नों को, ताकि धुल जाए स्याही,
ज़िन्दगी फिर से लिखने का मन करता है कभी-कभी।
माना की तेरी
माना की तेरी नजर मे मै कुछ भी नही,
मगर मेरी कदर तू उनसे पूछ जिन्हे पलटकर नही देखा मैने सिर्फ तेरे
लिए…!!!
शहर से इतने
एक ही शहर से इतने जनाज़े.,
हसीनाओ पे कोई पाबंदी लगाओ
Saare Maikhane Ki
Hamari Kahani Sun Saki Ki Bhi Aankhon
Main Aansoo Aa Jate Hain, Saare Maikhane Ki
Sharab Peekar Bhi Hum Nashe Main Nahi Aate
Hain, Kya Karein Saki Ab To Itni Jyada Peene
Lage Hain, Kay Hum Maikhane Main Bhi
Darwaje Se Lauta Diye Jate Hain…
झूठ बोलते हो
जाने कितने झूले थे फाँसी पर, कितनो ने गोली खायी
थी
क्यों झूठ बोलते हो साहब , की चरखे से आजादी आई थी