खूबसूरती से धोका, न खाइये जनाब,
तलवार कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो मांगती तो खून ही है….!!
Category: वक़्त शायरी
खुदगर्ज़ बन जा
सुकून से जीने का तरीका, ये भी है
लोगों की परवाह छोड़ खुदगर्ज़ बन जा..
प्रतिशत पसीना है
प्रतिभा
एक प्रतिशत प्रेरणा और निन्यानबे प्रतिशत पसीना है.
वक्त सीखा देता है
वक्त सीखा देता है
फलसफा जिंदगी
का
फिर
नसीब क्या !
लकीर क्या !!
तकदीर क्या !!!
धड़कन तो इसे
अगर रुक जाये धड़कन तो इसे मौत न समझना….
अक्सर होता है ऐसा तुझे याद करते-करते….
प्रवचन देता है
आदमी सुनता है मन भर’.
सुनने के बाद प्रवचन देता है टन भर;
और खुद ग्रहण नही करता कणभर।
तुम खुद ही
मेरी नजर से कभी खुद को देखना,
.
तुम खुद ही खुद पे फिदा हो जाओगे…!!
धड़क रहा होगा
मेरा नाम लिखकर छूकर देखना कभी…
कोई दिल वहाँ भी धड़क रहा होगा
जीना नहीं आता
जिंदगी सुंदर है पर मुझे.
जीना नहीं आता,
हर चीज में नशा है पर मुझे.
पीना नहीं आता,
सब मेरे बिना जी सकते हैं,
र्सिफ मुझे दोस्तों के बिना….
जीना नहीं आता….!
अपना दर्द अपनो को
सब सो गए थे अपना दर्द अपनो को सुना कर
मेरा भी कोई अपना होता तो मुझे भी नींद आ जाती…….