कतरा-कतरा हम यू ही जिया करते है…,
ऐ जिंदगी…,
वक़्त ने मारा है हम को…,
फिर भी वक़्त की क़दर किया करते है…!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
कतरा-कतरा हम यू ही जिया करते है…,
ऐ जिंदगी…,
वक़्त ने मारा है हम को…,
फिर भी वक़्त की क़दर किया करते है…!!
वाह वाह बोलने की आदत डाल लो,
.
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मै अपनी बरबादियां लिखने
वाला हुं…
हमें तो सुख मे साथी चाहिये दुख मे तो हमारी “माँ”
अकेली ही काफी हैं…
अच्छा बुरा जैसा भी हूँ …अपने लिए हूँ….
में खुद को नहीं देखता…ओरों की नज़र से ।।
जिंदगी के उसूल भी
कबड्डी के खेल की तरह है…,
जैसे ही सफलता की लाईन को छूते है ,
लोग लग जाते है पीछे खीचने मे !!!
मैंने भी बदल दिये ज़िन्दगी के उसूल,
अब जो याद करेगा…,सिर्फ वो ही याद रहेगा…!!
इश्क कर लीजिये बेइंतेहा किताबों से…
एक ये ही अपनी बात पलटा नहीं करतीं…!!!
मुलाकात के रास्ते खुले हैं …. अगर तुम अपनी जिद्द
छोड़ दो…
मैं तो बस युही गुनगुना रहा था…..”कभी जो बादल बरसे”…
.खुदा ने तो सीरियस्ली
ले लिया….!!!!
एक नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती हैं..
वरना चाहत का यकीन दिलाने में तो जिन्दगी बीत जाती हैं.