लिखा करती थी

दोनों की पहली चाहत थी ,दोनों टूट के मिला करते
थे,
वो वादे लिखा करती थी ,में कसमे
लिखा करता था ।।

चलो छोड़ दो

चलो छोड़ दो मुझकों मग़र इतना तो बता दो
की तुम मुझें याद करते थे या वक़्त बर्बाद करते थे !!!

अपनी महफ़िल से

ग़रीब समझकर आज उसने उठा दिया हमें अपनी महफ़िल से ?
.
कोई मेरी ख़ातिर पूछे उनसे, क्या चाँद की महफ़िल में सितारे
नहीं होते ??

किसी गरीब को

किसी गरीब को मत सताना। वो तो बस रो देगा पर…
उपरवाले ने सुन लिया तो तू अपनी हस्ती खो देंगा..

दोस्तों से भरे

तू देख कि तुझसे इश्क करने में मुझे कैसे जीना पड़ गया
.
.
दोस्तों से भरे शहर में दीवारों से लिपट कर रोना पड़ गया