वो पतथर भी मारे तो उठा के झोलियाँ भर लूँ
कभी मोहब्बत के तोहफ़ो को लौटाया नही करते ।
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
वो पतथर भी मारे तो उठा के झोलियाँ भर लूँ
कभी मोहब्बत के तोहफ़ो को लौटाया नही करते ।
कहानियाँ लिखने लगा हूँ मैँ अब.!!
शायरियोँ मेँ अब तुम समाती नहीँ.!!
आ ज़ा फिर से मेरे ख्यालों में….कुछ बात करते हैं….
कल जहाँ खत्म हुई थी…वहीं से शुरुवात करते हैं…!!
रिश्तों में गर्माहट बरकरार रखिए,
मौसम तो अभी और सर्द होगा..!!
हकीकत से बहुत दूर है ख्वाहिश मेरी…
फिर भी एक ख्वाहिश है,कि एक ख्वाब मेरा हकीकत हो जाए
मुस्कुराहटें झूठी भी हुआ करती हैं,
यारों,
इंसान को देखना नहीं बस समझना सीखो…
कभी तो सोच कि वो श़ख्स कितना था बुलंद,जो बिछ गया तेरे कदमों मे आसमान की तरह…
यदि सफलता एक सुन्दर पुष्प है तो विनम्रता उसकी सुगन्ध।
जिंदगी में जो चाहो हासिल कर लो, बस इतना ख्याल रखना कि, आपकी मंजिल का रास्ता, लोगो के दिलों को तोड़ता हुआ न गुजरे
“अच्छी सोच”
“अच्छा विचार”
“अच्छी भावना”
मन को हल्का करता है!
जिस समय हम किसी का
‘अपमान ‘ कर रहे होते हैं,
दरअसल,
उस समय हम अपना
‘सम्मान’ खो रहे होते है…
मैं खुद भी अपने लिए
अजनबी हूं …
मुझे गैर कहने वाले
तेरी बात मे दम है…