सड़क पर क्यूँ ले

सड़क पर क्यूँ ले आया तू मोहब्बत के वो घर
उन चौखटों से इश्क की वो अजान कहाँ गयी,
कभी मुस्कुरा लिया करते थे उसको याद कर,
अब उसकी याद में डूबी वो सर्द शाम कहाँ गयी |

जिनके दिल पे लगती है

जिनके दिल पे लगती है चोट
वो आँखों से नही रोते.
जो अपनो के ना हुए, किसी के नही होते,
मेरे हालातों ने मुझे ये सिखाया है,
की सपने टूट जाते हैं
पर पूरे नही होते।।