सबसे मुश्किल होता हैं उन जाने लोगो से बात करना, अंजानो की
तरह।
वो अनजाने लोग जिनपर कभी जान लुटाया करते थे।
Category: व्यंग्य
हर बात में हारता था
हर बात में हारता था मैं उस से,
उसे भी हार गया मैं उसी से।
उसको मिलने से पहले
उसको मिलने से पहले
कहीं बार सोचा था,
उस से मिलने के बाद कहीं बार सोचा हैं।
वो जो मिलती हैं मुझे, मुझे मिल
क्यूँ नही जाती..??
मेरे पास आते आते
मेरे पास आते आते,
दूर
मुझसे हो रही हैं।
एक अजनबी मिलके रोज,
कुछ और अजनबी हो रही हैं।
अंजाम-ए-मोहब्बत
अंजाम-ए-मोहब्बत सोच
कर आगाज-ए-मोहब्बत कर न सके..
अब क्यूँ रोते हो उसके लिए, तमाम उम्र जो कभी
हुआ नही..??
कभी दंगो में जल गई
कभी दंगो में जल गई थी जो कहानियाँ,
आज फिर से दंगो की
वजह बन गई हैं।
वो कहते रहे झूठ
वो कहते रहे झूठ,
मै करता
रहा यकीन।
इतना यकीन किया,
यकीन नही होता।
मैं जलता हूँ उन बातों से
मैं जलता हूँ उन बातों से
भी,
वो बातें..
जो मैं खुद भी नही जानता।
हर रात उधेड़ देती हैं
हर रात उधेड़ देती हैं उन शामो को,
जो उन दिनों
मेरी सुबह लेके आई थी।
दबे होंठों को बनाया है सहारा अपना
दबे होंठों को बनाया है सहारा अपना….
सुना है कम बोलने से बहुतकुछ सुलझ जाता है….???