लुटा चुका हूँ

लुटा चुका हूँ बहुत कुछ, अपनी जिंदगी में यारो;
मेरे वो ज़ज्बात तो ना लूटो, जो लिखकर बयाँ करता हूँ।

मिल जाए मुझे

मिल जाए मुझे सबकुछ” ये दुआ देकर चला गया..

और मुझे बस वो चाहिए था..
जो ये दुआ देकर चला गया…

अब इतना भी

अब इतना भी सादगी का ज़माना नहीं रहा
के तुम वक़्त गुज़ारो और हम प्यार समझें ।।।।।