हमारी शक्सियत का

हमारी शक्सियत का अंदाजा तुम
क्या लगाओगी पगली
के लोग रात को निंद से हमें जगाकर कहते है
दिल टुटा है यार एक शायरी तो कर…

मुझे पता है

मुझे पता है मेरी खुद्दारी तुम्हे खो देगी
में भी क्या करू मुझे मांगने की आदत नही