Kafi hud tak
Kamyab ho gye the
Tujhe bhulane
Me ….
Ek zara si barish ne
Phir wahin lakar
Chod diya…
Category: व्यंग्य शायरी
बड़ा शोर करती है
शोहरत बेशक चुपचाप गुजर जाये
बदनामी कमबख्त बड़ा शोर करती है
बहुत भीड थी
बहुत भीड थी उनके दिल मे दोस्तो, हम खुद ना निकलते तो निकाल दिए जाते…!!!
शिकायते तो बहुत है
शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता”…
अंदाजा लगाओ मेरी
अंदाजा लगाओ मेरी मोह्हबत का इस बात से ही
तुम्हारे नाम का हर शख्स मुझे अच्छा लगता है .
मोहब्बत नही थी
मोहब्बत नही थी तो एक बार समझाया तो होता !!
बेचारा दिल तुम्हारी खमोशी को इश्क समझ बैठा !!
फिसलते देखा है!!
मिट्टी में ही होती है पकड़ मजबूत पैरों की।..
संगमरमर पर अक्सर मैंने
लोगो को फिसलते देखा है!!
फिर नींद से
फिर नींद से जाग कर आस-पास ढ़ूढ़ता हूँ तुम्हें…
क्यूँ ख्वाब मे इतने पास आ जाते हो तुम….
असफलता का डर नहीं
एक बार काम शुरू कर लें तो असफलता का डर नहीं रखें और न ही काम को छोड़ें। निष्ठा से काम करने वाले ही सबसे सुखी हैं।
मैं उसकी गोंद में
मैं उसकी गोंद में खीला बचै की तरह
मुजे फ़िरीगियो बोली सीखा पर उर्दू ऐ कलाम ना सीखा