दूर तक रेत ही
चमकती है
कोई पानी नहीं है धोका है
किसके काँधे पे रखके सर
रोऊँ
हाल सबका ही मेरे जैसा है
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
दूर तक रेत ही
चमकती है
कोई पानी नहीं है धोका है
किसके काँधे पे रखके सर
रोऊँ
हाल सबका ही मेरे जैसा है
क्या क्या हकीकतों पे
है परदे पड़े हुए
तू है किसी का और किसी का दिखाई दे
मैं और कोई बहाना
तलाश कर लूँगा
तू अपने सर न ले इल्ज़ाम दिल दुखाने का
मिल जाएगा हमें भी
कोई टूट के चाहने वाला,
अब सारा का सारा शहर वेवफा तो हो
नहीं सकता…॥
हमेशा उन्हीं के करीब
मत रहिये जो आपको खुश रखते हैं,
बल्कि कभी उनके भी करीब
जाईये जो आपके बिना खुश नहीं रहते हैं।
आज मुझे एक नया
अनुभव हुआ
अपने मोबाइल से अपना ही नंबर लगाकर देखा,
आवाज
आयी
The Number You Have Call Is Busy..
…
फिर ध्यान आया किसी ने क्या खुब कहा है….
“औरो से मिलने मे
दुनिया मस्त है पर,
खुद से मिलने की सारी लाइने व्यस्त है..
मैं एक शीशे का घर था, बहुत टूटा ।
लोग
जो भी गुज़रे हैं, पत्थर से गुज़रे हैं ।।
सब में रब दिखता
जिसको
वो ही सच्चा हाजी है
|
ज़मूरे ने कहा-सारा
तमाशा पेट की खातिर
कोई जादू नहीं है सिर्फ हाथों की सफाई है
एक किश्त ज़िन्दगी की
और भर दी है आज..
एक खाता मौत का बस खुलवाना बाकी है..