किसी भी मोड़ पर अगर हम बुरे लगें तो,
दुनिया को बताने से पहले हमें बता देना…
Category: व्यंग्य शायरी
मुकाबले की जिद
मुकाबले की जिद ठहरी तो आओ मुकाबला कर लें,
हमने कई बार अपने हुनर से जमाने का भरम तोड़ा है…
जिंदगी में बेशक
जिंदगी में बेशक हर मौके का जरुर फायदा उठाओ,
मगर किसी के हालात
और मजबूरी का नहीं..!!
एक नींद है
एक नींद है जो रात भर नहीं आती
और एक नसीब है जो न जाने कब से सो रहा..
बेशक वो ख़ूबसूरत आज
बेशक वो ख़ूबसूरत आज भी है, पर चेहरे पर वो मुस्कान नहीं, जो हम लाया करते थे..!!!
हमारे बिन अधूरे
हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे
कभी था कोई मेरा, तुम खुद कहोगे
न होगें हम तो ये आलम भी न होगा
मिलेगें बहुत से पर कोई हम-सा न होगा.
क्या लिखू जिंदगी
क्या लिखू जिंदगी के बारे में..वो लोग ही बिछड़ गए जो जिंदगी हुवा करते थे
ज़ख्म कैसे भी हों
ज़ख्म कैसे भी हों भर जाते हैं रफ़्ता रफ़्ता
ज़िंदगी ठोकरें खा- खा के, संभलती रहती है…
जब रात को नींद
जब रात को नींद ना आये,
और
दिल की धड़कन भी बढ़ जाये..
.
तब..
.
दूसरों की नींद खराब करो,
शायद..
उनकी दूआ से आपको नींद आ जाये..
जब जब ये चेहरा
जब जब ये चेहरा..!
उदास हुआ।
झुर्रियों ने पूछा…?
मौत के कितने पास हुआ