खुद को जो

खुद को जो सूरज बताता फिर रहा था रात को
दिन में उस जुगनू का अब चेहरा धुआं होने को था

जुदाई हो अगर

जुदाई हो अगर लम्बी तो अपने रूठ जाते हैं….
बहुत ज्यादा परखने से भी रिश्ते टूट जाते हैं…