मुझे

मुझे
कहना है अभी
वह

शब्द
जिसे कहकर
निःशब्द को जाऊँ
मुझे
देना है अभी
वह सब
जिसे देकर
निःशेष हो

जाऊँ
मुझे
रहना है अभी
इस तरह
कि मैं रहूँ
लेकिन
‘मैं’ रह न जाऊँ I

यादों की कसक

“यादों की कसक…साँसों

की थकन…आँखों में नमी है…,

ज़िन्दगी…तुझमे सब कुछ है बस…“उसकी” कमी है…!”