ज़हर पिला दो

आज इतना ज़हर पिला दो की मेरी साँस ही रुक जाये,
सुना है साँस रुकने पर बेवफा भी देखने आती है ।

वो भी आधी रात

वो भी आधी रात को निकलता है और मैं भी ……

फिर क्यों उसे “चाँद” और मुझे “आवारा” कहते हैं लोग …. ?