आज ये
मौसम फिर से करवा रहा है मुझसे शायरी…..!!
वरना इस दिल के
जज़्बातों को दबे तो ज़माना हो गया…..!!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
आज ये
मौसम फिर से करवा रहा है मुझसे शायरी…..!!
वरना इस दिल के
जज़्बातों को दबे तो ज़माना हो गया…..!!
आज़ादी
एक ख़तरा हैं,
हर कोई मोल नहीं लेता..
“मैं”
पसन्द तो बहुत हूँ
सबको,
पर.
जब उनको मेरी जरूरत होती है तब…
कलम
में जितना दम है जुदाई की बदौलत है !
वरना लोग मिलने के बाद
लिखना छोड़ देते है ..!?
अपनापन
छलके जिनकी बातों में,
सिर्फ कुछ ही बंदे ऐसे होते हैं लाखों में!
जिँदगी की राहो पर कभी यूँ
भी होता है….!
इंसान खुद रो पड़ता है
अकेले मै,…
किसी को हौँसला देनै के बाद…!!
मेरी
आँखों का तेरी यादों से कोई ताल्लुक़ तो है,
तसवुर में जब भी आते
हो…चेहरा खिल सा जाता है…
अगर
मेरी शायरियो से बुरा लगे,तो बता देना दोस्तो,
मै दर्द बाटने के लिए
लिखता हूँ , दर्द देने के लिए नहीं॥
जिंदगी चैन से गुज़र जाये….
अगर वो मेरे जहन
से उतर जाये….
बैठे थे अपनी मस्ती में के अचानक तड़प उठे,
आ कर तुम्हारी याद ने अच्छा नहीं किया….