तेरा होना एक ख्वाब है तेरा न होना एक हकीकत
Category: व्यंग्य शायरी
खुशी के आंसू
खुशी के आंसू रूकने न देना,
गम के आंसू बहने न देना,
ये जिंदगी न जाने कब रूक जाए,
मगर ये प्यारी सी दोस्ती कभी टूटने न देना।
आधे से ज्यादा
हमारे देश में हसी मजाक भी बिजली की तरह है आधे से ज्यादा लोगों के नसीब मे नही है
गरीबी जब दरवाजे
गरीबी जब दरवाजे से अन्दर आती है..
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तब
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प्यार और मोहब्बत खिड़की से बाहर चले जाते हैं! “
मिटटी में मिल जायेगी..
ना जीत पे अपनी दम्भ करो ना हार पे मेरी तंज़ कसो ,
जो धूल हवा से उड़ी है फिर से मिटटी में मिल जायेगी..!!
लोग ही बिछड़ गए
“क्या लिखूँ , अपनी जिंदगी के बारे में.
दोस्तों.
वो लोग ही बिछड़ गए.
‘जो जिंदगी हुआ करते थे !!
हुए बदनाम मगर
हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम…..
फिर वही शायरी, फिरवही इश्क, फिर वही तुम..फिर वही हम…..
कोई प्यासा दिखे तो
आंधियों से न बुझूं ऐसा उजाला हो जाऊँ,
वो नवाज़े तो जुगनू से सितारा हो जाऊँ,
एक क़तरा हूँ मुझे ऐसी फितरत दे भगवन’
कोई प्यासा दिखे तो दरिया हो जाऊ…!!!
जिसकी साँसे भी
उस ‘गरीब’ की
‘उम्मीदें’ क्या होंगी ..!
जिसकी ‘साँसे’ भी
‘गुब्बारों’ में बिकती हैं…
Ab tum mujhe
Ab tum mujhe yaad nahi aty..
Ab tum mje yaad ho gaye ho..