यूँ ही शौक़ है हमारा तो शायरी करना
किसी की दुखती रग छू लूँ तो यारों माफ़ करना
Category: व्यंग्य शायरी
हर बार इश्क
हर बार इश्क में हार ही जाता हूँ,….
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समझ नहीं आता….
मैं इंसान हूँ या पाकिस्तान
क्रिकेट टीम….. !!
घर जलाया मेरा
इससे बढ़कर और क्या दूं अपनी मुहब्बत का सबूत,
जिसने घर जलाया मेरा, उसके खत तक न जला सका ।
किसको मालूम था
तुम ना तो मौसम थे , ना किस्मत , ना तारीख ,
ना दिन ….
किसको मालूम था इस कदर बदल जाओगे !
मोहब्बत का मज़ा
मोहब्बत का मज़ा तो डूबने की कशमकश में है । जो हो मालूम गहराई तो दरिया पार क्या करना ।
कोई देखने वाला होता
इक ये ‘कोशिश’, कि कोई देख ना ले ‘दिल के जख्म’….
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इक ‘ख्वाहिश’ ये कि ‘काश’ कोई देखने वाला होता………..
जिंदगी की हकीकत
जिंदगी की हकीकत को बस इतना जाना है….
रोना है अकेले ही, और हंसने में जमाना है…!
शक़ गया होगा
तुम्हारा सिर्फ़ हवाओं पे शक़ गया होगा,
चिराग़ ख़ुद भी तो जल-जल के थक गया होगा”..
गरीबों का प्यार
प्यार-व्यार के चक्कर में पड़ने से पहले पैसे कमा लेना,
गरीबों का प्यार अक्सर चौराहे पर नीलाम
हो जाता है …!!!
छेड़ने लगीं सहेलियां
छेड़ने लगीं सहेलियां उसकी उसको..मुजसे मिलने के बाद ..
कि रंग क्यों बदला है तेरे होठों का उसको मिलने के बाद ..