अकसर हकीकत जानते हुए भी,
सहारा-ए-फसाना लिये जा रहे हैं …!
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
अकसर हकीकत जानते हुए भी,
सहारा-ए-फसाना लिये जा रहे हैं …!
तु जमाने से बगावत तो कर,
सारी दुनिया से लड़ने के हमारे ईरादे है,,
होगी तू हसीन राजकुमारी तो क्या हुआ हम भी बिगडे शहजादे है.
Jaha Diwaro me Darar Par Jaati Waha Diwar Gir Jati Hai.
Aur Jaha Rishto Me Darar Par Jaati He
Waha Diwar Khari Ho Jati Hai.
ताकत पे सियासत की ना गुमान कीजिये,
इन्सान हैं इन्सान को इन्सान समझिये।
यूँ पेश आते हो मनो नफरत हो प्यार में,
मीठे बोल न निकले क्यूँ जुबां की कटार से।
खुद जख्मी हो गये हो अपने ही कटार
से,
सच न छुपा पाओगे अपने इंकार से।
आँखें भुला के दिल के आईने में झाकिये,
इन्सान हो इन्सान को इन्सान ही समझिये।
कैसी ख़ुशी है आप को ऐसे आतंक से ?
कैसा सकुन बहते हुए खून के रंग से
तलवारों खंजरों में क्यूँ किया सिंगार है,
आप भी दुश्मन हैं आपके इस जंग में।
खुद से न सही अपने आप से डरिये,
इन्सान हो इन्सान को इन्सान समझिये।
खुद का शुक्र है आप भी इन्सान हैं,
इंसानियत से न जाने क्यूँ अनजान हैं।
शुक्र कीजिये की खुदा मेहरबान है,
वरना आप कौन ? क्या पहचान है।
सच यही है, अब तो ये जान लीजिये,
इन्सान हो इन्सान को इन्सान समझिये।
याददाश्त की दवा बताने में सारी दुनिया लगी है,
तुमसे बन सके तो तुम हमें भूलने की दवा बता दो..
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा;
यादें काटती हैं ले-ले के नाम तेरा;
मुद्दत से बैठे हैं इंतज़ार में तेरे…
कि आज आयेगा कोई पैगाम तेरा…
बहुत अमीर होती है ये शराब
की बोतलें…
पैसा चाहे जो भी लग जाए पर सारे ग़म ख़रीद
लेतीं है…
इतनी दूरियां ना बढ़ाओ थोड़ा सा याद ही कर लिया करो, कहीं ऐसा ना हो कि तुम-बिन जीने की आदत सी हो जाए…
कसम की कोई ज़रुरत नहीं मुहब्बत को
तुझे कसम है, खुदा को भी दरमियां रखना
ये मुझे चैन क्यो नहीं पड़ता
एक ही शख्स था जहान में क्या?