रिश्ते और नाते.. मतलब की पटरी पर चलने वाली वो रेलगाड़ी है,
जिसमे..जिस जिस का स्टेशन आता वो उतर जाता है !
Category: वक्त-शायरी
निकाल दिया उसने
निकाल दिया उसने हमें,
अपनी ज़िन्दगी से भीगे कागज़ की तरह,
ना लिखने के काबिल छोड़ा, ना जलने के..!
हमको मोहलत नहीं मिली
हमको मोहलत नहीं मिली वरना,ज़हर का ज़ायक़ा बताते हम…
मेरे इक अश्क़ की
मेरे इक अश्क़ की तलब थी उसको
मैंने बारिश को आँखों में बसा लिया |
उस की आँखों में
उस की आँखों में नज़र आता है सारा जहाँ मुझ को;
अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा मैंने।
सीधी और साफ हो…
परवाह नहीं चाहे जमाना कितना भी खिलाफ हो,
चलूँगा उसी राह पर जो सीधी और साफ हो…!
बैठ कर किनारे पर
बैठ कर किनारे पर मेरा दीदार ना कर मुझको समझना है तो समन्दर में उतर के देख !!
बस इतनी सी ख्वाहिश है
दिल की बस इतनी सी ख्वाहिश है मेरी तुमसे मुलाकात हो फिर अंजाम चाहे कुछ भी हो !!
वो लफ्ज़ कहा से
वो लफ्ज़ कहा से लाऊँ,जो तेरे दिल को मोम कर दे
मेरा वजूद पिघल रहा है,तेरी बेरुखी से..!!
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते
ज़िन्दगी के हाथ नहीं होते लेकिन,
कभी कभी वो ऐसा थप्पड़ मारती है जो पूरी उम्र याद रहता है !!