मोहब्बत का शोक ना रखिए साहिब,
इसमें साँस आती नहीं और जान जाती नहीं…
Category: वक्त-शायरी
शायर होना भी
शायर होना भी कहाँ आसान है,
बस कुछ लफ़जों मे दिल का अरमान है,
कभी तेरे ख्याल से महक जाती है मेरी गज़ल,
कभी हर शब्द परेशान है….
बिना देखे इतना चाहते हैं
बिना देखे इतना चाहते हैं आपको,
बिना मिले सब समझते हैं आपको,
ये आँखें जब भी बंद रहें हमारी,
बंद आँखों से देख लेते हैं आपको.
हमने सोचा था
हमने सोचा था दो चार दिन की बात होगी
पर तेरी यादों से तो उम्र भर का रिश्ता निकल आया…
वो हवा थी
वो हवा थी बहती गई,
मैं बारिश था, ज़मीं में समा गया..
इस तरह तुमने
इस तरह तुमने मुझे छोड़ दिया ….
जैसे रास्ता कोई गुनाह का हो
बदलना आता नहीं
बदलना आता नहीं हमे मौसम की तरह,
हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं,
ना तुम समझ सकोगे जिसे क़यामत तक,
कसम तुम्हारी तुम्हे हम इतना प्यार करते हैं|
तसव्वुर ख्वाब दरवाज़े..
तसव्वुर ख्वाब दरवाज़े..दरीचे कितने रास्ते हे तुम आओ तो सही
कौन कहता है
कौन कहता है तुझे मैंने भुला रक्खा है
तेरी यादों को कलेजे से लगा रक्खा है
लब पे आहें भी नहीं आँख में आँसू भी नहीं
दिल ने हर राज़ मुहब्बत का छुपा रक्खा है
तूने जो दिल के अंधेरे में जलाया था कभी
वो दिया आज भी सीने में जला रक्खा है
देख जा आ के महकते हुये ज़ख़्मों की बहार
मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रक्खा है |
सुना है इस खेल में
सुना है इस खेल में सबके सर जाते हैं,
इश्क में इतना ख़तरा है तो हम घर जाते हैं…