लोग पीठ पीछे इतनी बुराई करते हैं कि अब तो पीठ भी दर्द करने लगी
Category: वक्त-शायरी
ऐसा तरीका ढूंढते हैं
चलो कोई ऐसा तरीका ढूंढते हैं,
मन्द हवा भी चले और दिए भी जले।
ख़ुद गुलाब हो कर
ख़ुद गुलाब हो कर तुम गुलाब छूती हो ,
कितनी क़यामतें बरपा करना चाहती हो..??
सफर कहाँ से
सफर कहाँ से कहाँ तक पहुँच गया मेरा..
रुके जो पांव….तो कांधो पे जा रहा हूँ मैं..
आज धुंध बहुत है…
आज धुंध बहुत है…….
काश मै टकरा जाऊँ तुमसे..
दिल रोज सजता है
दिल रोज सजता है, नादान दुल्हन की तरह..!!
गम रोज चले आते हैं, बाराती बनकर..!
आज बहुत मेहरबान हो
आज बहुत मेहरबान हो सनम क्या चाहते हो,
हमें पाना चाहते हो या किसी को जलाना चाहते हो…
नहीं मांगता ऐ खुदा
नहीं मांगता ऐ खुदा, कि जिंदगी सौ साल की दे,
दे भले चंद लम्हों की, लेकिन कमाल की दे।
आज़ाद कर दिया
आज़ाद कर दिया हमने भी उस पंछी को,
जो हमारी दिल की कैद में रहने को तोहिं समझता था।
दिल तो बहुत जलता है
दिल तो बहुत जलता है यारों पर यह सोच के खामोस हु
की दिल की हर जलन को पन्ने में उतारू तो कही पन्ना जल न जाए