एक ही समानता है पतंग औऱ जिंदगी में..
ऊँचाई में हो तब तक ही वाह-वाह होती है.
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
एक ही समानता है पतंग औऱ जिंदगी में..
ऊँचाई में हो तब तक ही वाह-वाह होती है.
देखते हैं अब क्या मुकाम आता है हुज़ूर,
सूखे पत्ते को इश्क़ हुआ है बहती हवा से..
तेरे पास जो हैं उसकी क़द्र कर औऱ सब्र कर दीवाने,
यहाँ तो आसमां के पास भी, खुद की जमीं नहीं हैं…..
मिल सके आसानी से , उसकी ख्वाहिश किसे है?
ज़िद तो उसकी है … जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं!!
रौशनी में कुछ कमी रह जाये तो बता देना..दिल आज भी हाज़िर है, जलने को…
देखी है बेरुखी की… आज हम ने इन्तेहाँ,
हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए.।
तूने मेरा आज देख के मुझे ठुकराया है,
हमने तो तेरा गुजरा कल देख के भी मोहब्बत की थी !!
हुस्न वाले जब तोड़ते हैं दिल किसी का..!
बड़ी सादगी से कहते है मजबूर थे हम..!!
हमारे बगैर भी आबाद थीं महफिलें उनकी.
और हम समझते थे कि उनकी रौनकें हम से है…..!!!!
प्यार करता हूँ मैं तुमसे,
खुद से ज्यादा, हद से ज्यादा..