हमने आज खुद को आज़माने की कोशिश की,
मोहब्बत से दिल को बचाने की कोशिश की.
Category: वक्त-शायरी
दिल दुखाती थी
दिल दुखाती थी जो पहले अब रास आने लगी है
अब उदासी रफ़्ता-रफ़्ता दिल को भाने लगी है…!!
हैं तो रिमझिम..
हैं तो रिमझिम..
फुहार से…
जनाब की यादें..
मगर मूसलाधार हैं…
हम दिलफेक आशिक़ है
हम दिलफेक आशिक़ है, हर काम में कमाल कर दे
क्या जरुरत है
जानू को लिपस्टिक लगाने की हम चूम के ही होंठ उसके लाल कर दे
यहाँ से ढूंढ़ कर ले जाये
यहाँ से ढूंढ़ कर ले जाये कोई तो मुझ को ,
जहाँ मैं ढूंढने निकला था बेख़ुदी में तुझे…!
कतरा कतरा मेरे
कतरा कतरा मेरे हलक को तर करती है
मेरी रग रग में तेरी मुहब्बत सफर करती है…
ज़िन्दगी क्या है
ज़िन्दगी क्या है जानने के लिए
ज़िंदा रहना बहुत ज़रूरी है
समझनी है जिंदगी
समझनी है जिंदगी
तो पीछे देखो,
जीनी है जिंदगी को
तो आगे देखो …..!!
तुम सावन का महीना
तुम सावन का महीना हो
मै तुझपे छाया हूँ झूले की तरह|
इज़ाज़त हो तो
इज़ाज़त हो तो लिफाफे में रख कर, कुछ वक़्त भेज दूं……
सुना है कुछ लोगों को फुर्सत नहीं है, अपनों को याद करने की!