एक तो वैसे ही ….. तुम्हे भुलाना मुश्किल है
और रोज़ मम्मी……. बादाम खिला देती है.
Category: लव शायरी
रोज रोज गिर कर भी
रोज रोज गिर कर भी मुक्कमल खड़ा हूँ,
ऐ मुश्किलों, देखो मे तुमसे कितना बड़ा हूँ…!!
शायरों की बस्ती में
शायरों की बस्ती में कदम रखा तो जाना ।
गमों की महफिल भी कितने खुशी से जमती है ।।
अभी ज़रा वक़्त है
अभी ज़रा वक़्त है,
उसको मुझे आज़माने दो….
वो रो रोकर पुकारेगी मुझे,
बस मेरा वक़्त तो आने दो….
एक सवाल पूछती है
एक सवाल पूछती है मेरी रूह अक्सर…
मैंने दिल लगाया है या ज़िंदगी दाँव पर…
ज़िंदगी हो या कुछ और..
ज़िंदगी हो या कुछ और..
संभालने का हुनर ही तो मायने रखता है !!
लहजे में बदजुबानी
लहजे में बदजुबानी, चेहरे पर नकाब लिए फिरते हैं…
जिनके खुद के बही-खाते बिगड़े हैं
वो मेरा हिसाब लिए फिरते हैं !!
ये छोटी छोटी यादों की
ये छोटी छोटी यादों की चिड़िया
तन्हाई में भी सुकून से नहीं रहने देती है|
अच्छा हुआ तूने
अच्छा हुआ तूने ठुकरा दिया मुझे
प्यार चाहिए था तेरा एहसान नही !!
लाख कसमें ले लो
लाख कसमें ले लो किसी से..
छोड़ने वाले छोड़ ही देते हैं…