लोग कहते हैं कि दुआ क़ुबूल होने का भी वक़्त होता है….
हैरान हूँ मैं किस वक़्त मैंने तुझे नहीं माँगा….
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
लोग कहते हैं कि दुआ क़ुबूल होने का भी वक़्त होता है….
हैरान हूँ मैं किस वक़्त मैंने तुझे नहीं माँगा….
मेरे न हो सको तो कुछ ऐसा कर दो,
मैं जैसा था मुझे फिर से वैसा कर दो !!
तू इतना प्यार कर जितना तू सह सके,
बिछड़ना भी पड़े तो ज़िंदा रह सके !!
भूल बैठा है वो मेरा नाम न जाने कब से
दिल ने सदियों से जिसे अपना बना रखा है …
न जाने इतनी मोहब्बत कहाँ से आ गयी उस अजनबी के लिए..!!
की मेरा दिल भी उसकी खातिर अक्सर मुझसे रूठ जाया करता हे ..!!
इश्क़ के आगोश में आने वालों सुनो,
नींद नहीं आती बिना महबूब की बाहों के..
रह रह कर मुझको रुलाती है वो , आसमां से मुझको बुलाती है वो।
देख कर उसकी आँखो में अपने नाम की मायूसी…
दिल रोया तो नहीँ पर फ़िर कभी हँसा भी नहीँ…
यूँ ना देखा करो खुदा के लिये,
हो गई मोहब्बत तो मुसीबत हो जायेगी
बिन बुलाये आ जाता है, सवाल नहीं करता,
ये तेरा ख़याल भी न, मेरा ख़याल नहीं करता..