क्यूँ तुम नज़र में नहीं पर दिल में हो?
आँखों से शायद बह गया तुम्हारा वजूद …
Category: लव शायरी
सुनकर ज़माने की
सुनकर ज़माने की बातें तू अपनी अदा मत बदल,
यकीं रख अपने खुदा पर यूँ बार बार खुदा मत बदल……
कितनी मासूम सी है
कितनी मासूम सी है ख्वाहिस आज मेरी,
कि नाम अपना तेरी आवाज़ से सुनूँ !!
याद है मुझे रात थी
याद है मुझे रात थी उस वक़्त जब शहर तुम्हारा गुजरा था फिर भी मैने ट्रेन की खिडकी खोली थी…
काश मुद्दतो बाद तुम दिख जाओ कहीं….
आदमी को परखने की
आदमी को परखने की इक ये भी निशानी है…
गुफ़्तगू ही बता देती है कौन ख़ानदानी है
कौन कहता है आसमां में
कौन कहता है आसमां में सुराख़ हो नहीं सकता
एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों!
तुझे जमाने का डर है
तुझे जमाने का डर है, मुझसे बात न कर,
दिल में कोई और है, तो मुझसे बात न कर ….
मैं तुझे चाहकर भी
मैं तुझे चाहकर भी अपना न बना सका,
जब मरना चाहा तो तेरी यादों ने मरने भी न दिया |
जन्नत मैं सब कुछ हैं
जन्नत मैं सब कुछ हैं मगर मौत नहीं हैं .. धार्मिक किताबों मैं सब कुछ हैं मगर झूट नहीं हैं दुनिया मैं सब कुछ हैं लेकिन सुकून नहीं हैं इंसान मैं सब कुछ हैं मगर सब्र नहीं हैं|
पत्थर की दुनिया जज़्बात नही
पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती,दिल में क्या है वो बात नही समझती,तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती