यूँ उतरेगी न गले से ज़रा पानी तो ला,
चखने में कोई मरी हुई कहानी तो ला!
Category: लव शायरी
सितारों के आगे
सितारों के आगे जहां और भी हैं
अभी इश्क के इम्तेहाँ और भी हैं
तू शाहीन है परवाज़ है तेरा काम
तेरे सामने आसमाँ और भी हैं
क़नाअत न कर आलम-ए-रंग-ओ-बू पर
चमन और भी, आशियाँ और भी हैं
तहि जिंदगी से नहीं ये फिज़ाएं
यहाँ सैकड़ों कारवाँ और भी हैं|
कभी तो अपने लहजे से
कभी तो अपने लहजे से ये साबित कर दो….
के मुहोब्बत तुम भी हम से लाजबाब करती हो….
ये कलम भी कमबख्त
ये कलम भी कमबख्त दिलजली है…
जब जब दर्द हुआ ये खूब चली है…
मज़बूत से मज़बूत लोहा
मज़बूत से मज़बूत लोहा टूट जाता है
कई झूठे इकट्ठे हों तो सच्चा टूट जाता है|
तुम क्युँ मरते हो
तुम क्युँ मरते हो मुझ पे,
मैँ तो जिन्दा ही तुम से हुँ….!!
ज़ुल्फों में छिपा रखे हो
ज़ुल्फों में छिपा रखे हो कोई खंज़र वंज़र
भूल कर भी मत जाना इन बेवफाओ के क़रीब|
मुसाफ़िर हो तो
मुसाफ़िर हो तो सुन लो राह में सहरा भी आता है
निकल आए हो घर से क्या तुम्हें चलना भी आता है
या कोई जानबूझकर
या कोई जानबूझकर अनजान हो गया..
या फिर यूँ हुआ के मेरी सूरत बदल गयी।।।
निकाल तो लाया हूं
निकाल तो लाया हूं पिन्जरे से इक परिन्दा ,
मगर बाकी है अभी परिन्दे के दिल से पिन्जरा निकालना.