ना पीछे मुड़कर देखो

ना पीछे मुड़कर देखो ना आवाज दो मुझको,
बड़ी मुश्किल से सीखा है मैंने अलविदा कहना |

मैं ना कहता था वक़्त ज़ालिम है,
देखो, एक ख्वाब बन गए हो तुम!!

मुझे घमंड था

मुझे घमंड था की मेरे चाहने
वाले बहुत है इस दुनिया में,

बाद में पता चला की सब चाहते है
अपनी ज़रूरत के लिए |

मन तो करता है

मन तो करता है कि तुझे पहचानने से भी इंकार कर दूँ……
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पर क्या करूँ…
तू मिले तो अच्छा ना मिले तो और भी अच्छा…
पर सुन ! मैं कम अच्छे में भी खुश हूँ….