इश्क़ का रंग और भी गुलनार हो जाता है….
जब दो शायरों को एक दुसरे से प्यार हो जाता है |
Category: लव शायरी
शाख़ पर रह कर
शाख़ पर रह कर कहाँ मुमकिन था मेरा ये सफ़र,
अब हवा ने अपने हाथों में सँभाला है मुझे…
तौबा तो कर चुके हैं
मुहब्बत से तौबा तो
कर चुके हैं मगर
थोडा जहर ला के दे दो आज
तबियत उदास है|
कोशिश करता हूँ
कोशिश करता हूँ लिखने की,तुम्हारी मुस्कान लिखी नहीं जाती..।
मैं तो अदना सा शायर हूँ, ये दास्तान लिखी नहीं जाती..।
अभी दिन की कशमक़श
अभी दिन की कशमक़श से निकल भी
न पाये थे,
जाने कहाँ से फिर ये शाम आ गई
जिस से मोहब्बत की
जिस से मोहब्बत की जाए
उस से मुक़ाबला नही किया जाता….
गुलाम हुआ है
गुलाम हुआ है इंसान कुछ इस कदर
रिश्ते मिलने को तरसते है …..
आये हो आँखों में
आये हो आँखों में तो कुछ देर तो ठहर जाओ,
एक उम्र लग जाती है एक ख्वाब सजाने में.
कोशिश तो होती है
कोशिश तो होती है की तेरी हर ख्वाहिश पूरी करूँ,
पर डर लगता है की तू ख्वाहिश में मुझसे जुदाई ना माँग ले !!
मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से
मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से करो की,
वो धोखा देकर भी सोचे की वापस जाऊ तो किस मुंह से जाऊ !!