जिंदगी क्या हैं मत पूछो दोस्तों!
सवर गई तो दुल्हन, बिखर गई तो तमाशा हैं !
Category: याद
रोज़ आ जाते हो
रोज़ आ जाते हो बिना इत्तेला दिए ख्वाबों में….
कोई देख लेगा तो हम क्या जवाब देंगे……
सख़्त हाथों से भी
सख़्त हाथों से भी….
छूट जाती हैं कभी उंगलियाँ….
रिश्ते ज़ोर से नहीं….
तमीज़ से थामे जाते हैं..
रिश्ते होते है
रिश्ते होते है मोतियों की तरह …
कोई गिर भी जाये तो झुक के उठा लेना चाहिए ।
रंज की घड़ी
दिल दे तो इस मिजाज का परवरदिगार दे,
जो रंज की घड़ी भी खुशी से गुजार दे।
अलग मायने रखता हूँ
सबके लिए अलग अलग मायने रखता हूँ…
कोई “ज़रुरत” तो कोई और “आदत” बुलाता है मुझे!
ख्वाब बोये थे
ख्वाब बोये थे, और अकेलापन काटा है,
इस मोहब्बत में ,
“यारों” बहुत घाटा है..
इतनी शिद्दत से
इतनी शिद्दत से जीना है तेरे संग…,
कि कभी बिछड़ भी जाऊं….तो मौत का मलाल ना रहे।
ज़िन्दगी देने वाले यूँ
ज़िन्दगी देने वाले यूँ मरता छोड़ गए,
अपनापन जताने वाले यूँ तनहा छोड़ गए,
जब पड़ी जरुरत हमें अपने हमसफ़र की,
तो साथ चलने वाले अपना रास्ता मोड़ गए।
आवारगी के शौक में
आवारगी के शौक में अब ये भी याद नहीं
कि किस मोङ पर खुद को छोङ आया हूँ…!!!