उनसे बिछुड़े हुए हमें इक ज़माना हो गया।
आँखों से इन अश्कों का रिश्ता पुराना हो गया ।।
क्या कहे किसको कहे हाले- दिल की दास्ताँ ।
प्यार की हक़ीक़तें अब इक फसाना हो
गया ।।
यूँ तो रोज़ मिलते हैं ख़्वाबों मे अक्सर उन्हें
दीदार अब उनका हमसे बेगाना हो गया ।।
हाल मेरा देख कर दोस्त कसते फब्तियाँ
इक बेवफा के प्यार में मजनूं दिवाना हो गया ।।
लोग कहते है सच्चा प्यार अब मिलता कहाँ
प्यार मे अब दिल लगाना दिल जलाना हो गया ।।
Category: याद
पथ्थर से पथ्थर पर
पथ्थर से पथ्थर पर वार करने वाले लोग भी है दुनिया मे, हम तो वो है जो पथ्थर से पथ्थर जोडकर किसी को उसकी मंजिल तक पहुंचा दे ।।
शिकवा तो बहुत है
शिकवा तो बहुत है मगर शिकायत नहीं कर सकते
मेरे होठों को इज़ाज़त नहीं तेरे खिलाफ बोलने की |
कहाँ तलाश करोगे
कहाँ तलाश करोगे तुम दिल हम जैसा..,
जो तुम्हारी बेरुखी भी सहे और प्यार
भी करे…
जब भी देखता हूँ
जब भी देखता हूँ तेरी मोहब्बत की पाकीज़गी
दिल करता है तेरी रूह को काला टीका लगा दूँ…
शिकायत तुम्हे वक्त से
शिकायत तुम्हे वक्त से नहीं खुद से होगी,
कि मुहब्बत सामने थी, और तुम दुनिया में उलझी रही|
दिल की बातें
दिल की बातें दूसरों से मत कहो लुट जाओगे
आज कल इज़हार के धंधे में है घाटा बहुत |
रात होते ही
रात होते ही,
तेरे ख़यालों की
सुबह हो जाती है|
तू वैसी ही है
तू वैसी ही है जैसा मैं चाहता हूँ…
बस मुझे वैसा बना दे
जैसा तू चाहती है…
धीरे धीरे बहुत कुछ
धीरे धीरे बहुत कुछ बदल रहा है…
लोग भी…रिश्ते भी…और कभी कभी हम खुद भी….