तरीका न आये पसंद हो जाए न खता हमसे अब
तुम ही बता दो वैसे ही करूँगा इश्क तुमसे अब|
Dil ke jazbaati lafzon ki ek mehfil ! | दिल के जज्बाती लफ्जो की एक महफ़िल !
तरीका न आये पसंद हो जाए न खता हमसे अब
तुम ही बता दो वैसे ही करूँगा इश्क तुमसे अब|
यादों के फूल खिलते रहते हैं वक्त की शाखों पर
कुछ खालीपन रहता है…इन भरी भरी आंखो में…
माना कि औरों के जितना मैंने पाया नहीं..
मगर खुश हूँ.. कि खुद को गिरा कर, कुछ उठाया नहीं..!!!
इतनी भी संजीदगी अच्छी नहीं
बात वो दिल में दबा कर रह गए
मैंने उनके तिल की जब तारीफ़ की
बस उसी पे तिलमिला कर रह गए|
जिस दिन सादगी श्रृंगार हो
जाएगी,
उस दिन आईनों की हार हो
जाएगी..
लब ये ख़ामोश रहेंगे ये तो वादा है मेरा
कुछ अगर कर दें निगाहें तो ख़फा मत होना|
होती रहती है आशिकों से इश्क में गलतियाँ.
कोई जन्म से हीं मजनू और रांझा नहीं होता
न लौटने की हिम्मत है..
न सोचने की फुर्सत..
बहुत दूर निकल आए हैं..
तुमको चाहते हुए
देखें क़रीब से भी तो अच्छा दिखाई दे
इक आदमी तो शहर में ऐसा दिखाई दे|
गुलाब देने से अगर मोहब्बत हो जाती.!
तो माली सारे ‘शहर’ का महबूब बन जाता.!