फिर वहीं लौट के जाना होगा
यार ने कैसी रिहाई दी है..!!
Category: बेवफा शायरी
रात बाकी थी
रात बाकी थी जब वो बिछड़ी थी..
ज़िन्दगी गुज़र गयी रात बाकी है.!!
तेरे होंटो से
तेरे होंटो से मेरे होंट लगे रहे इस क़दर
सिगरेट खुदखुशी कर ले जलन के मारे|
बड़ा आदमी वो कहलाता है
बड़ा आदमी वो कहलाता है,
जिससे मिलने के बाद कोई ख़ुद को छोटा न महसूस करे..!!
बस मुस्करा दो..
बस मुस्करा दो..
तबियत ख़ुश हो जाती है मेरी..
सारे शहर में ढूँढ लिया..
हकीम तुम सा नहीं..
यूँ उतरेगी न गले से
यूँ उतरेगी न गले से ज़रा पानी तो ला,
चखने में कोई मरी हुई कहानी तो ला!
सितारों के आगे
सितारों के आगे जहां और भी हैं
अभी इश्क के इम्तेहाँ और भी हैं
तू शाहीन है परवाज़ है तेरा काम
तेरे सामने आसमाँ और भी हैं
क़नाअत न कर आलम-ए-रंग-ओ-बू पर
चमन और भी, आशियाँ और भी हैं
तहि जिंदगी से नहीं ये फिज़ाएं
यहाँ सैकड़ों कारवाँ और भी हैं|
कभी तो अपने लहजे से
कभी तो अपने लहजे से ये साबित कर दो….
के मुहोब्बत तुम भी हम से लाजबाब करती हो….
ये कलम भी कमबख्त
ये कलम भी कमबख्त दिलजली है…
जब जब दर्द हुआ ये खूब चली है…
मज़बूत से मज़बूत लोहा
मज़बूत से मज़बूत लोहा टूट जाता है
कई झूठे इकट्ठे हों तो सच्चा टूट जाता है|