उम्र भर ख़्वाबों की मंज़िल का सफ़र जारी रहा,
ज़िंदगी भर तजुरबों के ज़ख़्म काम आते रहे…
Category: बेवफा शायरी
तुम दूर भी
तुम दूर भी हो पर लगता है यही हो
तुम कहो इश्क़ में तुम्हारा क्या हाल है|
तू भले ही रत्ती भर
तू भले ही रत्ती भर ना सुनती है
मै तेरा नाम बुदबुदाता रहता हूँ
मेरा सब से
मेरा सब से बड़ा डर यह है,
कि कहीं आप मुझे भूल तो नहीं जाओगे !!
मुझे कहाँ से
मुझे कहाँ से आएगा
लोगो का दिल जीतना …!!
मै तो अपना भी
हार बैठी हूँ..!!
उम्र भर ख़्वाबों की
उम्र भर ख़्वाबों की मंज़िल का सफ़र जारी रहा,
ज़िंदगी भर तजरबों के ज़ख़्म काम आते रहे…
कोई होंठों पे
कोई होंठों पे उंगली रख गया था…
उसी दिन से मैं लिखकर बोलता हुँ|
ये तो कहिए
ये तो कहिए इस ख़ता की क्या सज़ा,
ये जो कह दूं के आप पर मरता हूं मैं।।
रात हुई है
रात हुई है चाँद ज़मीं पर हौले-हौले उतरा है…..!!
तुम भी आ जाते तो सारा नूर मुकम्मल हो जाता…..!!
मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से
मोहब्बत भी ईतनी शीद्दत से करो की,
वो धोखा देकर भी सोचे की वापस जाऊ तो किस मुंह से जाऊ !!