जैसे बयान से मुकर जाए कोई गवाह,
बस इतनी सी बेवफा थी वो…
Category: बेवफा शायरी
सच तो कह दु इस दोर के इंसानो को मगर
सच तो कह दु इस दोर के इंसानो को मगर,
बात जो दिल से निकली है बुरी लगती है…
इश्क का बँटवारा रज़ामंदी से हुआ
इश्क का बँटवारा रज़ामंदी से हुआ…!!!
चमक उन्होने बटोरी… तड़प हम ले आए…!!!
जग रहे हो किसी के लिए
जग रहे हो किसी के लिए..
.. या किसी के लिए सोये नहीं ?
धड़कने गूजती है सीने में
धड़कने गूजती है सीने में ,
इतने सुनसान हो गए हैं हम..!!!
ऐ दिल सोजा
ऐ दिल सोजा,
अब तेरी शायरी पढ़ने वाली
अब किसी और शायर की गजल बन गयी है..
चले भी आओ तसव्वुर में
चले भी आओ तसव्वुर में मेहरबां बनकर…..
आज इंतज़ार तेरा…..
दिल को…. हद से कुछ ज्यादा है
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से,
तो हमें आवाज़ दे देना…हम आज भी अकेले रहते है ॥
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया
कभी जो थक जाओ तुम दुनिया की महफिलों से,
तो हमें आवाज़ दे देना…हम आज भी अकेले रहते है ॥
ग़मों को मुझसे एक चाहत सी हो गई है
ग़मों को मुझसे एक चाहत सी हो गई है,
मैं उदास नहीं, उदास रहने की आदत सी हो गई…