मेरे हाथ महकते रहे तमाम दिन…।
जब ख्वाब में तेरे बाल संवारे मैंने
Category: बेवफा शायरी
छोड़ आया हूँ
छोड़ आया हूँ गर्म चाय मेज़ पर।
यह इशारा है तुमसे जुदाई का।
सुने तुम जिस रास्ते से
सुने तुम जिस रास्ते से चाहो आ जाना,मेरे चारो तरफ मोहब्बत ही मोहब्बत है !
आओ कभी यूँ
आओ कभी यूँ भी मेरे पास कि, आने में ..
लम्हा और जाने में ज़िन्दगी गुज़र जाए !!!!
हमको महसूस किया
हमको महसूस किया जायेगा खुशबु की तरह …. हम कोई शोर नहीं जो सुनाई देंगे !!
सच को तमीज़ नहीं
सच को तमीज़ नहीं बात करने की..
जुठ को देखो कितना मीठा बोलता है ।
मेरे गुनाहों की
मेरे गुनाहों की सज़ा तुझे मिली है आज माना
अब तो ताउम्र मुझे, अपनी सज़ा का इंतज़ार होगा ।।
चांदी की दीवार
चांदी की दीवार ना तोड़ी प्यार भरा दिल तोड़ दिया|
मुझे तालीम दी है
मुझे तालीम दी है मेरी फितरत ने ये बचपन से …
कोई रोये तो आंसू पौंछ देना अपने दामन से
मुझे सम्भाल लो
मुझे सम्भाल लो यारो
में उस बेवफा की बेवफाई के नशे में हूं|