गिला भी तुझ से बहुत है… मगर मोहब्बत भी…
वो बात अपनी जगह है… ये बात अपनी जगह.
Category: बेवफा शायरी
तनिक सुनो मेरी बात
तनिक सुनो मेरी बात ।
हमसफ़र ख़ूबसूरत नहीं सच्चा होना चाहिए…!तनिक सुनो मेरी बात
लोग बुरे नहीं होते….
लोग बुरे नहीं होते……
बस आपके मतलब के नहीं होते….
इसलिए बुरे लगते है……
तेरे वजूद से है
तेरे वजूद से है मेरे गुलिस्तां में रौनकें सारी…!!
तेरे बगैर इस दुनिया को हम वीरान लिखते हैं…!!
तुझे ही फुरसत ना थी
तुझे ही फुरसत ना थी किसी अफ़साने को पढ़ने की,
मैं तो बिकता रहा तेरे शहर में किताबों की तरह..
हद से गुजर गए
हम तो हद से गुजर गए तुझे चाहने में,तुम्ही उलझे रहे हमें आजमाने में….!
कोई नहीं है
कोई नहीं है दुश्मन अपना फिर भी परेशान हूँ मैं,
अपने ही क्यूँ दे रहे है जख्म इस बात से हैरान हूँ मैं !!
अंग्रेजी की किताब
अंग्रेजी की किताब बन
गयी हो तुम……..
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पसंद तो बहुत आती हो पर समझ
नही आती हो…
अब यादे तुम्हारी…
हले तुम , अब यादे तुम्हारी…
आखिर दुश्मनी क्या है मुझसे तुम्हारी ..!
फैंसला ये है की
फैंसला ये है की अब आवाज नहीं देनी किसी को…
हम भी देखे कौन कितना तलबगार है हमारा…