मोटी रकम में

मोटी रकम में बिक रहा हूँ
जो नहीं हूँ वो दिख रहा हूँ,
कलम पे है दबाव भारी कि
नायाब कविता लिख रहा हूँ।

मिली है अगर

मिली है अगर जिंदगी तो मिसाल बन कर दिखाइये…
वर्ना इतिहास के पन्ने आजकल रिश्वत देकर भी छपते है|